चारों तरफ ही दुश्मन पाले हुए हैं हम.. बेखौफ शायर
हापुड - हापुड के बैखौफ शायर ने विश्व के 35 देशों में हिन्दी के गौरव को बढाने वाली हिन्दी साहित्य भारती साहित्यक संस्था ने प्रथम वार्षिकोत्सव बडी़ धूमधाम के साथ मनाया। आपको बता दे कि पबला रोड़ स्थित दर्शना दा स्कूल में 41 कवियों की कविताओं का संकलन काव्य भारती के प्रथम अंक का विमोचन कवि सम्मेलन के साथ किया है!
कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात कवि प्रो.वागीश दिनकर और मुख्य अतिथि रवि अरोड़ा, विशिष्ट अतिथि पालिकाध्यक्ष विभु बंसल, अक्षय प्रताप अक्षय, बाबा कानपुरी रहे! कार्यक्रम का संचालन जिलाध्यक्ष दिनेश त्यागी एवं डा. सतीश वर्द्धन द्वारा किया गया, कवियत्री बीना गोयल ने सरस्वती वंदना पढकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया जिसके बाद अतिथियों ने काव्य भारती के प्रथम अंक का विमोचन किया गया! इस दौरान वागीश दिनकर ने कुछ यूँ पढा मधुसूदन भगवान् कृष्ण की वृहत योजना का प्रतिफल।
राज चैतन्य ने पढा, नज़र कुछ भी नहीं आता, जिधर देखूँ अंधेरा है! अक्षय प्रताप ने कहा, माँ की रकत शिराओं में जब चित्र देश का बसता है! संस्था के मीडिया प्रभारी बेखौफ शायर डा. नरेश सागर ने कुछ यूँ पढा कि चारों तरफ ही दुश्मन, पाले हुए हैं हम! सच को अभी तक अपनी, संभाले हुए हैं हम!! इसके अलावा बाबा कानपुरी, मोहित शौर्य, दिनेश त्यागी, डा. सतीश वर्द्धन, राम आसरे गोयल, कवि देवेंद्र प्रताप सिंह, विजय वत्स, राजकुमार हिन्दुस्तानी, धर्मेन्द्र शर्मा, अवनीत समर्थ, विकास विजय सिंह त्यागी, के अलावा अन्य कवियों ने भी अपनी रचनाएँ पढी!
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