समाज सुधारक संत गाडगे बाबा के योगदान को याद करते हुए मनाया गया परिवार्वण दिवस
बाराबंकी : संत गाडगे बाबा के जीवन के महान कार्यों को समर्पित उनके परिवार्वण दिवस का आयोजन आज सतरिख नाका स्थित अम्बेडकर पार्क में किया गया।
यह कार्यक्रम संत गाडगे सेवा समिति और डॉ. भीमराव अंबेडकर समिति के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसमें लोगों ने बाबा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके समाजसेवा के योगदान को याद किया।
कार्यक्रम में इंजी. हर्ष चंद्र कनौजिया ने कहा कि संत गाडगे बाबा का जीवन सिर्फ लोक सेवा से प्रेरित था। बाबा का मानना था कि भगवान केवल मंदिरों, तीर्थस्थानों और मूर्तियों में नहीं हैं, बल्कि वो हर गरीब, पीड़ित और उपेक्षित इंसान में बसे हैं। उन्होंने हमेशा अपनी शिक्षा और कार्यों के माध्यम से समाज को यह सिखाया कि गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा ही असली ईश्वर सेवा है।
राजेंद्र प्रसाद कनौजिया ने बताया कि बाबा गाडगे का जीवन एक प्रेरणा है। उनका विश्वास था कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियां और आडंबरों को खत्म करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने समाज को यह समझाया कि सच्चे मानव धर्म में न कोई भेदभाव है और न ही कोई अडिग पूजा-पाठ की आवश्यकता है, बल्कि इंसानियत और सेवा का भाव ही परम धर्म है।
संत गाडगे जी ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण किया। यह सब उन्होंने अपनी कठिनाईयों के बावजूद लोगों से दान मांगकर स्थापित किए। हालांकि, उनके लिए स्वयं कोई सुविधा नहीं थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन इन संस्थाओं के कामों में समर्पित किया, और अपनी कुटिया तक नहीं बनवायी।
इस अवसर पर मंशाराम कनौजिया ने कहा कि गाडगे बाबा का जीवन हमारे लिए एक सशक्त उदाहरण है, जो हमें सेवा और त्याग का पाठ पढ़ाता है।
कार्यक्रम का संचालन लोक गायक जमुना प्रसाद कनौजिया ने किया, और कार्यक्रम में सुंदर लाल कनौजिया, तिलकराम कनौजिया, जे एल भास्कर, मनीष कनौजिया, आर डी कनौजिया, रामगोपाल कनौजिया, राम प्रघट कनौजिया, डॉ राकेश कनौजिया, और अन्य प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सभी ने गाडगे बाबा की प्रेरणादायक शिक्षाओं को याद करते हुए उनके योगदान को साकार रूप में समाज में फैलाने का संकल्प लिया।
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