शायर एहलेबैत  जनाब मुज़ीब सिद्दीक़ी को खान बहादुर नवाब सैय्यद हामिद हुसैन खान अवार्ड से नवाजा गया

मुसालमे के मिस्र ए तरह " नासराने शाहै दीं का ग़म मनाना चाहिए” इस शीर्षक से फजाएल व मसाएब इमाम ए हुसैन (अ.स) बयान किया

Sep 13, 2023 - 10:57
 0  11
शायर एहलेबैत  जनाब मुज़ीब सिद्दीक़ी को खान बहादुर नवाब सैय्यद हामिद हुसैन खान अवार्ड से नवाजा गया
शायर एहलेबैत  जनाब मुज़ीब सिद्दीक़ी को खान बहादुर नवाब सैय्यद हामिद हुसैन खान अवार्ड से नवाजा गया


लखनऊ : हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन स्थित सल्तनत मंजिल में 43 वा सालाना मजलिस ए अज़ा एवम तरही मुसालमा का आयोजन किया गया। इस साल अपनी विशेषताओं के साथ 7:30 बजे शब समय की पाबंदी व एहतराम के साथ प्रोग्राम का आगाज तिलावत ए कलाम पाक से  हुआ जिसे ज़नाब क़ारी नदीम नजफ़ी ने किया।इस कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर सैय्यद अली हामिद और श्री सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने किया।

सल्तनत मंजिल में श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद थें। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद हसनेन बाक़री साहब क़िबला ने  मुसालमे के मिस्र ए तरह " नासराने शाहै दीं का ग़म मनाना चाहिए” इस शीर्षक से फजाएल व मसाएब इमाम ए हुसैन (अ.स) बयान किया। मजलिस में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी थी की सल्तनत मंजिल में कदम रखने की जगह नही थी। मौलाना के आकर्षण संबोधन से लोग अत्याधिक परभवित हुएं।

कामयाब मजलिस के बाद मुसाल्मा प्रारंभ हुआ जिसका संचालन देश के प्रसिद्ध नाज़िम व शायर जनाब दर्द  हल्लौरी ने अंजाम दिया। इस साल के  मुसालमे के मिस्र ए तरह " नासराने शाहै दीं का ग़म मनाना चाहिए” इस शीर्षक से  पूरे देश के चुने हुए 14 प्रसिद्ध शायरों ने अपना तरही नजराना ए अकीदत बारगाह ए इमामत में पेश किया।

अंत में इस कार्यक्रम के आयोजक प्रोफेसर सैय्यद अली हामिद और श्री सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट कि जनिब से शायर ए एहलेबेत जनाब मुज़ीब सिद्दीक़ी साहब को मौलाना सैयद हसनेन बाक़री साहब क़िबला के हाथो "खान बहादुर नवाब सैय्यद  हामिद हुसैन खान अवार्ड से नवाज़ा गया। कार्यक्रम की समाप्ति पर मुसाल्मे के आयोजकों ने उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित किया।
(प्रोफ़ेसर सय्यद अली हामिद

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow