जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पेशवाई निकाल किया महाकुंभ में भव्य प्रवेश
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की पेशवाई पत्थरचट्टी से निकाली गई। महाकुंभ में उनका ऐतिहासिक स्वागत हुआ।
प्रयागराज। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज की ऐतिहासिक पेशवाई गुरुवार को पत्थरचट्टी रामबाग से निकाली गई। महाकुंभ 2025 में प्रवेश के दौरान उनका 108 स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। पूरे रास्ते संत-महात्मा, ढोल-ताशे, डमरू नृत्य और गौ माता के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
शंकराचार्य जी की पेशवाई का मुख्य उद्देश्य गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के संकल्प को आगे बढ़ाना है। उनकी इस पहल को समर्थन देने के लिए हजारों श्रद्धालु पेशवाई यात्रा में शामिल हुए। पूरे रास्ते में जगह-जगह फूलों की वर्षा कर शंकराचार्य जी का स्वागत किया गया।
इस पेशवाई में संतों और भक्तों की भारी भीड़ के कारण प्रयागराज के कई मार्गों पर जाम लग गया, जिससे प्रशासन को व्यवस्थाएं संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पेशवाई यात्रा का मार्ग
पेशवाई पत्थरचट्टी से मलाका सब्जी मंडी, मोती महल चौराहा, चमेलीबाई धर्मशाला, जानसेनगंज, चौक घंटाघर, बहादुर गंज, और कीटगंज होते हुए बांध मार्ग से कुम्भ मेला क्षेत्र में पहुंची।
आकर्षण का केंद्र बने नृत्य और साधु संत
पेशवाई में शामिल ढोल-ताशे, डमरू नृत्य, और संतों का भव्य स्वागत श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा। यात्रा के दौरान धार्मिक गीतों और जयकारों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
शंकराचार्य जी का संदेश
इस मौके पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "हमारा उद्देश्य गौ माता को राष्ट्र माता घोषित कर देश की संस्कृति और परंपराओं को मजबूत करना है। महाकुंभ आस्था और संस्कारों का संगम है, इसे भव्य और सफल बनाना हमारा कर्तव्य है।"
महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश के बाद शंकराचार्य शिविर में उनका भव्य स्वागत किया गया। धार्मिक संगोष्ठी और आध्यात्मिक प्रवचन का भी आयोजन किया गया।
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