पुस्तक मेले में बढ़ी लेखक-प्रशंसक की भीड़, दसवें दिन हुआ शानदार कवि सम्मेलन
प्रयागराज में चल रहे दस दिवसीय पुस्तक मेले में लेखक अपनी किताबों का प्रमोशन कर रहे हैं। मेले में पुस्तक स्टॉल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। कवि सम्मेलन में कई प्रमुख कवियों ने अपनी रचनाओं से पुस्तक मेले में रंग भर दिए।

जैनुल आब्दीन
प्रयागराज: प्रयागराज के सिविल लाइन स्थित एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में चल रहे दस दिवसीय पुस्तक मेला ने अपनी लोकप्रियता में लगातार वृद्धि की है। मेले में धार्मिक, वेद, विज्ञान, साहित्य और अन्य विषयों की 80 से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की गई हैं। विशेष रूप से बच्चों के लिए कई आकर्षक स्टॉल लगाए गए हैं, जहाँ हिंदी-अंग्रेजी साहित्य की भी भारी भीड़ देखी गई।
लेखकों को प्रमोशन के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करने के उद्देश्य से इस मेले का आयोजन किया गया है। "बंकू" के लेखक अमित तिवारी जैसे कई लेखक यहां अपनी पुस्तकों को प्रमोट करने पहुंचे हैं। मेला क्षेत्रीय साहित्यकारों के लिए भी एक उत्कृष्ट मंच बन चुका है, जहां वे अपनी पहचान उजागर कर रहे हैं।
रविवार को हिंदी-उर्दू साहित्य सेवा मंच द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रमुख कवियों ने अपनी काव्य रचनाओं से मेला स्थल को सजाया। मखदूम फूलपुरी इलाहाबादी की कविता ने श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। कविता "मैने हर मोड़ सीता की हिफाजत की है" को सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए।
कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य कवियों में मिस्बाह इलाहाबादी, राजेंद्र मिश्रा, गीता सिंह और रुस्तम साबरी जैसे नाम शामिल थे। 30 दिसंबर को मेला का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन भी होगा।
यह पुस्तक मेला न केवल लेखकों और पाठकों के लिए एक बड़ा मंच बन चुका है, बल्कि सांस्कृतिक और साहित्यिक उत्सव का भी एक अद्वितीय अवसर प्रदान कर रहा है।