अटल जी और मालवीय जी का योगदान के आगे क्रिसमस की धूमधाम फीकी
25 दिसंबर को भारत में मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेई की जयंती मनाई जाती है, जिन्होंने स्वतंत्रता, शिक्षा और नेतृत्व में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस दिन को क्रिसमस के रूप में भी मनाया जाता है, जो भारतीय समाज की विविधता और धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है।
25 दिसंबर को प्रभु यीशु का भी जन्मदिन है जिसे लोग क्रिसमस डे के रूप में मनाते हैं। भारतीय समाज बताता है कि अपने देशवासी जाते है लेकिन क्रिसमस डे को याद रखना है उसे मनाना ग्लैमर सभ्य व सेकुलर समाज का प्रमाण मानते है। शाहरुख और नगरों में तो क्रिसमस डे की कहानी 10 15 दिन पहले ही शुरू हो गई है। बहुसंख्यक किसे मनाने के लिए वेस्टर्न स्टाइल को अपनाते हैं केक पेस्ट्री कहते हैं घरों को कैंडल लाइट से सजाते हैं। गिरजा घर भी जाते हैं। यहां तक जो मुस्लिम समाज होली के रंग व कांवरियों के भजन से परहेज बनता है वह भी क्रिसमस डे को बहुत जोर शोर से मानता है अलबत्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने से जरूर परहेज पर रखता है वह अटल जी के कार्यकाल को भी मोदी जी के समान काले अध्याय के रूप में याद करता है।
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