आकांक्षी विकास खंडों के ग्राम पंचायत सचिवों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न
अंबेडकर नगर में आकांक्षी विकास खंडों के ग्राम पंचायत सचिवों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए, मुख्य विकास अधिकारी ने सचिवों को आकांक्षी विकास खण्ड और आकांक्षी जनपद की अवधारणा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आकांक्षी विकास खण्ड ऐसे क्षेत्र होते हैं जिन्हें विशिष्ट ध्यान और सहायता की आवश्यकता होती है, ताकि वहां के सामाजिक और आर्थिक विकास को सही दिशा दी जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि नीति आयोग का इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान है और किस प्रकार यह आयोग राज्य सरकारों के साथ मिलकर विकास के कार्यों को गति प्रदान करता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने सचिवों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों को सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी के रूप में न देखें, बल्कि ग्राम विकास के एक सक्रिय हिस्से के रूप में अपनी भूमिका को समझें। उन्होंने कहा कि सचिवों को खुद को विकास की धुरी मानते हुए अपने-अपने ग्राम पंचायतों के समस्त इंडिकेटर्स का भौतिक सत्यापन करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सचिव अपने ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को स्वयं जाकर देखे और उन पर ध्यान दें।
साथ ही, मुख्य विकास अधिकारी ने आदेश दिया कि प्रत्येक ब्लॉक के एक-एक ग्राम पंचायत से संबंधित समस्त इंडिकेटर्स का भौतिक सत्यापन करने के लिए एक टीम का गठन किया जाए, जिसका कार्य जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी आतिशीघ्र करेंगे।
बैठक में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, खंड विकास अधिकारी टांडा, और आकांक्षी विकास खण्डों के ग्राम पंचायत सचिवों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह कार्यक्रम ग्राम पंचायतों में विकास के विभिन्न आयामों को समझने और कार्यान्वित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो कि भविष्य में पूरे जिले के विकास को एक नई दिशा दे सकता है।
इस कार्यक्रम से सचिवों को अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदारी का अहसास हुआ और वे अब अधिक प्रेरित होकर अपनी ग्राम पंचायतों में विकास के कार्यों को बेहतर तरीके से लागू करेंगे।
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