राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड से होने वाला लाभ सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगा
लखनऊ : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड एवं जैविक उत्पाद परिषद, उत्तराखंड के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, देश का किसान जो भी उत्पाद जैविक खेती के ज़रिए उगाएगा। उन्हें भारत सरकार ख़रीदेगी। जिसके लिए राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड एक ऐसा सुचारू तंत्र बनाया जा रहा है। जिससे जैविक उत्पाद से मिलने वाला मुनाफ़ा सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाया जा सकेगा।
एक वक़्त था कि, जब फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड की खेती की वजह से जैविक खेती ने अपनी पहचान खो दी थी। लेकिन जल्द ही पूरी दुनिया को मालूम चल गया कि, फर्टिलाइजर से पैदा हुई फसल हमारे शरीर में रोगों का कारण बनता है। साथ ही इससे भूमि की गुणवत्ता भी कम होती है। जबकि, जैविक खेती से जहाँ एक ओर भूमि उपजाऊ होती है साथ ही भूमि का जल स्तर और भूमि की उत्पादन क्षमता भी अच्छी होती है। जिससे पैदा हुआ अनाज मानव शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर करता है। इन सबके बावजूद ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा था। जैविक खेती करने वाले किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पाता था। यहाँ तक की किसानों की भूमि की जाँच करने, उत्पादों की गुणवत्ता की जाँच करने का कोई मैकेनिज्म तक मौजूद नहीं था। यही वजह थी कि, हमारे देश का किसान जैविक खेती करने से कतराने लगा था।
लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के विजन का कमाल है कि, अमित शाह के नेतृत्व में राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड की स्थापना की गई। जोकि, अमूल के साथ मिलकर देशभर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तैयार करेगी। जिसका काम किसानों की भूमि की उर्वरक क्षमता, उत्पाद दोनों का परीक्षण करना होगा। यह दोनों मान्यता प्राप्त संस्थाएं मिलकर विश्वसनीय ऑर्गेनिक उत्पाद उपभोक्ताओं को भी उपलब्ध कराने का काम करेंगी। जिससे आने वाले 2-3 साल में भारत ब्रांड के उत्पाद शाकाहारी खाने के हर क्षेत्र में पहुँच जाएँगे।
ज़ाहिर है कि, भारत ब्रांड के ऑर्गेनिक उत्पाद विश्वसनीय हैं और अधिक मुनाफे का उद्देश्य न होने के कारण सस्ते भी हैं। जिनसे एक ओर किसानों की आय में इज़ाफ़ा होगा। साथ ही इससे नागरिकों को केमिकल युक्त खाने से छुटकारा मिलेगा। यही वजह है कि, गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर के किसानों को राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड से जुड़ने का आह्वान किया। साथ कहा कि, किसानों द्वारा उत्पादित सारा ऑर्गेनिक चावल, दलहन और गेहूँ किसानों का सरकार ख़रीदेगी। जिसके लिए NCOL एक ऐसा तंत्र तैयार करेगा। जो ऑर्गेनिक फसल से होने वाले मुनाफ़े को सीधा किसानों के बैंक खाते में पहुँचाएगा। जोकि, सहकारिता के माध्यम से डेयरी प्रोडक्ट में पहले से हो रहा है।
ग़ौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को दुनिया में सबसे बड़ा ऑर्गेनिक फूड उत्पादन करने वाला देश बनाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में सहकारिता मंत्रालय और अमित शाह किसानों की आय को दोगुना करने, जैविक फसल का उच्चतम मूल्य दिलाने, बेहतर मैकेनिज्म उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं। ताकि किसानों को समृद्ध बनाया जाए। साथ ही जैविक खेती के लिए भारत को दुनिया में नंबर वन बनाया जा सके।
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