अमेठी से किशोरी लाल सर्व मान्य नेता साबित हो रहे हैं
अमेठी - अमेठी में इंडिया गठवन्धन के कांग्रेस प्रत्याशी पंडित किशोर लाल को जब गांधी परिवार ने अमेठी की विरासत सौंपी और लोकसभा का प्रत्याशी बनाया तो मीडिया में काफी हलचल हुई। जो राजनैतिक विश्लेषक अपने चैनलों पर यह कह रहे थे कि स्मृति ईरानी के लिए राहें आसान हो गई, वही मीडिया कर्मी अपनी बात को ऑन कैमरा गलत साबित करते हुए यह कहने को मजबूर हैं कि किशोरी लाल शर्मा निसंदेह तुरुप का पत्ता है जिसे चुनावी मैदान में उतार कर गांधी परिवार ने स्मृति ईरानी को चारों खाने चित कर दिया।
ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि गांधी परिवार के अतिरिक्त अगर कोई और प्रत्याशी कांग्रेस ने उतारा तो न केवल उनका विरोध होगा बल्कि जनता भी उसे पूर्णतः स्वीकार नहीं करेगी।लेकिन किशोरी लाल शर्मा के उतरने के बाद यह सभी अनुमान गलत साबित हुए हैं।दरअसल पिछले 41 वर्षों से,राजीव गांधी जी के समय से किशोरी लाल अमेठी - रायबरेली के कांग्रेस संगठन से कुछ इस कदर जुड़े हैं कि उन्हें अमेठी का बच्चा बच्चा जानता पहचानता है।
कांग्रेस संगठन निर्माण की बात हो या फिर चुनावी प्रबंधन की,किशोरी लाल मुख्य प्रबंधक के रूप में लगातार सक्रिय रहे।उनके बारे में एक और बात खास है कि पर्दे के पीछे रह कर, स्थानीय नेताओं -कार्यकर्ताओं को आगे रख कर उन्होंने हमेशा इस अंदाज में काम किया कि हर व्यक्ति उनकी कार्यप्रणाली का कायल होता चला गया।चार दशकों से बिना किसी पद की चाह किए, गांधी परिवार के निष्ठावान सेवक के रूप में निस्वार्थ काम करना आज की राजनीति में असंभव नजर आता है।
राजनीतिज्ञों की अति महत्वकांक्षा वर्तमान में जगजाहिर है।लेकिन किशोरी लाल शर्मा ने जिस ईमानदारी से गांधी परिवार के निष्ठावान सेवक के रूप में कार्य किया शायद आज इसी का परिणाम है कि न केवल गांधी परिवार बल्कि अमेठी की जनता भी किशोरी लाल शर्मा को अपने परिवार का हिस्सा मानती है।इसमें कोई दो राय नहीं कि जिन उच्च आदर्शों, परंपराओं,मान्यताओं के लिए गांधी परिवार जाना जाता है किशोरी लाल शर्मा ने उनको पूर्णतः आत्मसात किया है।आज की गला काट राजनीति में ऐसे उदाहरण शायद ही देखने - सुनने को मिलें।
बहरहाल गांधी परिवार के अमेठी के वारिस किशोरी लाल रूपी तुरुप के पत्ते ने अपने प्रतिद्वंदियों की नींद हराम कर रखी है।चुनावी मैदान में लड़ाई एकतरफा नजर आने लगी है। अपने सौम्य स्वभाव, संस्कारित व्यवहार, कूटनीतिक दृष्टिकोण, कुशल प्रबंधन, सादा जीवनचर्या और बेहतर तालमेल की बदौलत किशोरी लाल अमेठी के जनमानस में रच बस गए प्रतीत होते हैं तभी तो उनके जनसभा में पहुंचते ही जनता नारे लगाती है " अमेठी का लाल -किशोरी लाल।
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