अंबेडकर जयंती पर अंतरविश्वविद्यालयीय भाषण प्रतियोगिता आयोजित
डॉ. अंबेडकर जयंती पर प्रयागराज विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, युवाओं ने रखे विचार।

प्रयागराज। डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज में राज्यपाल सचिवालय, उत्तर प्रदेश एवं कुलाधिपति महामहिम आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर अंतरविश्वविद्यालयीय भाषण प्रतियोगिता के तृतीय चरण का आयोजन 11 अप्रैल को किया गया। यह प्रतियोगिता कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई, जिसमें प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से चयनित प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को डॉ. अंबेडकर के विचारों, सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता तथा संविधान निर्माण में उनके योगदान से अवगत कराना रहा। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों ने उनके विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया और आज के परिप्रेक्ष्य में उनके महत्व को रेखांकित किया।
कुलपति ने विद्यार्थियों को किया प्रेरित
अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. अंबेडकर एक युगद्रष्टा, महान समाज सुधारक और शिक्षा के प्रति अत्यंत जागरूक व्यक्ति थे। उन्होंने विद्यार्थियों को आह्वान किया कि वे डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात कर सामाजिक परिवर्तन के वाहक बनें।
प्रतियोगिता ने बढ़ाया आत्मविश्वास
कार्यक्रम के समन्वयक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आशुतोष कुमार सिंह ने प्रतियोगिता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से छात्रों में आत्मविश्वास, चिंतन एवं अभिव्यक्ति क्षमता का विकास होता है। सह-समन्वयकों डॉ. गौतम कोहली और डॉ. श्वेता श्रीवास्तव ने आयोजन की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की और छात्रों को प्रतियोगिता के उद्देश्य से अवगत कराया।
निर्णायक मंडल ने किया निष्पक्ष मूल्यांकन
प्रतियोगिता में प्रो. राजेन्द्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, भातखंडे विश्वविद्यालय लखनऊ, डॉ. शकुन्तला देवी विश्वविद्यालय लखनऊ, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के चयनित विद्यार्थियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में डॉ. प्रदीप कुमार त्रिपाठी, डॉ. उत्कर्ष उपाध्याय, डॉ. अतुल कुमार वर्मा एवं डॉ. अजीत सिंह ने प्रतिभागियों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान डॉ. शकुन्तला देवी विश्वविद्यालय की कंचन गौतम को तथा द्वितीय स्थान प्रो. राजेन्द्र सिंह विश्वविद्यालय की स्नेहा को प्रदान किया गया।
अतिथियों ने दी शुभकामनाएं
अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. विवेक कुमार सिंह ने अंबेडकर जी के संविधान निर्माण में योगदान को रेखांकित किया, जबकि कुलानुशासक प्रो. राजकुमार गुप्ता ने उनके जीवन को संघर्ष, ज्ञान और सामाजिक चेतना का प्रतीक बताया।
सफल आयोजन में विद्यार्थियों की सक्रिय भूमिका
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी ने किया। आयोजन की सफलता में विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। प्रमुख रूप से प्रिंस, नितीश, दिव्या, शिवानी, निधि और श्रेया का योगदान सराहनीय रहा।
यह प्रतियोगिता न केवल युवाओं के व्यक्तित्व विकास का मंच बनी, बल्कि डॉ. अंबेडकर के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का सार्थक माध्यम भी सिद्ध हुई। आगामी चरण में चयनित प्रतिभागी महामहिम राज्यपाल की उपस्थिति में राजभवन में अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
(जैनुल आब्दीन)
What's Your Reaction?






