अकबरपुर नगरपालिका में भ्रष्टाचार की परतें उजागर, डीएम कार्यालय में अपील दाखिल
अकबरपुर नगरपालिका की भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ डीएम कार्यालय में अपील, अधिवक्ता और सभासद प्रतिनिधि ने की कार्रवाई।

अकबरपुर (अम्बेडकरनगर)। नगर पालिका परिषद अकबरपुर की कार्यशैली और कथित भ्रष्टाचार को लेकर अब मामला डीएम कार्यालय तक पहुँच गया है। वार्ड संख्या 15 की सभासद श्रीमती रेखा देवी के प्रतिनिधि प्रिंस पाठक और अधिवक्ता विशाल कुमार मेहरोत्रा ने नगर पालिका द्वारा जनसूचना अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मांगी गई सूचनाओं में भ्रामक, असत्य और विधि-विरुद्ध जानकारी देने पर सख्त आपत्ति जताई है।
इस संबंध में जिला सूचना अधिकारी कार्यालय में चार अलग-अलग अपीलें दाखिल की गई हैं, जिनमें मांग की गई है कि सही, स्पष्ट और कानून सम्मत सूचनाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।
बताते चलें कि नगर पालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश वर्मा और अधिशासी अधिकारी बीना सिंह पर लूट-खसोट और घोटालों के गंभीर आरोप पहले से लगते रहे हैं। विगत कुछ महीनों में सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार पत्रों में लगातार खबरें प्रकाशित हो रही हैं कि नगर पालिका में करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों और अन्य योजनाओं में वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं।
एक और चौंकाने वाला आरोप अध्यक्ष वर्मा पर यह भी है कि उन्होंने अपने निजी वार्ड में करीब साढ़े पांच बीघा बंजर और सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस संबंध में "एंटी भूमाफिया सेल" और मुख्यमंत्री जनशिकायत पोर्टल पर भी शिकायत की जा चुकी है, मगर जांच की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
स्थानीय चर्चाओं के अनुसार, कथित तौर पर अध्यक्ष ने अपनी "लूट की कमाई" से कुछ अधिकारियों को 'प्रसाद' के रूप में मोटी रकम दी है, जिससे गंभीर मामले भी ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इसी वजह से अब तक न कोई जांच शुरू हुई है और न ही किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही की गई है।
कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो नगरपालिका अधिनियम 1916 के तहत यदि कोई अध्यक्ष भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसे तत्काल हटाया जा सकता है। बावजूद इसके जिला प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
सूत्रों की मानें तो एक याचिका पहले ही उच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी है और दूसरी याचिका भी जल्द ही दाखिल होने की संभावना है। वहीं, चर्चा है कि अध्यक्ष खुलेआम यह कहते सुने गए हैं कि "अब मैं भाजपा में आ चुका हूं, कोई अधिकारी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।"
इस पूरे मामले ने नगर पालिका अकबरपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार और राजनीतिक संरक्षण की गहरी जड़ें उजागर कर दी हैं। अब देखना होगा कि डीएम कार्यालय में दाखिल अपीलों पर क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या कोई ठोस कार्यवाही होती है।
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