उपासना कामिनेनी कोनिडेला ने पिथापुरम में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र की घोषणा की
अपोलो हॉस्पिटल्स की वाइस चेयरपर्सन उपासना कामिनेनी कोनिडेला ने पिथापुरम में मातृ और शिशु स्वास्थ्य के लिए मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र की घोषणा की।
लखनऊ: #अपोलोहॉस्पिटल्स की वाइस चेयरपर्सन उपासना कामिनेनी कोनिडेला ने पिथापुरम में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना की घोषणा की। यह पहल विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सशक्त बनाने, स्वच्छता में सुधार करने और पोषण स्तर को बढ़ाने पर केंद्रित है।
यह घोषणा अपोलो हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी रेड्डी के 93वें जन्मदिवस के अवसर पर की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवा को नए स्तर तक ले जाने और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का उद्देश्य है। इस पहल का प्राथमिक लक्ष्य शिशु मृत्यु दर को कम करना, कुपोषण को समाप्त करना और मातृ स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
आंगनवाड़ी केंद्र में होंगी ये सुविधाएं
व्यक्तिगत पोषण हस्तक्षेप – पहले 1000 दिनों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष देखभाल।
स्वच्छता और स्वच्छता कार्यक्रम – परिवारों को जागरूक करने के लिए नियमित प्रशिक्षण।
डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड – आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य अधिकारियों को डिजिटल माध्यम से डेटा ट्रैकिंग की सुविधा।
महिला सशक्तिकरण – माताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यशालाएं।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी – पिता और परिवारों को स्वास्थ्य सेवा में सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान।
109 आंगनवाड़ी केंद्रों का होगा उन्नयन
पिथापुरम में इस मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र की सफलता के बाद, 109 आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन की भी योजना बनाई गई है। यह कार्य चरणबद्ध रूप से किया जाएगा, जिससे यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर एक नया मानक स्थापित कर सकेगी।
स्थानीय विकास से राष्ट्रीय विस्तार की ओर
पवन कल्याण के निर्वाचन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इस पहल को विस्तृत समर्थन मिल सकता है। यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो इसे प्रधानमंत्री के सहयोग से देशभर में लागू करने की संभावना है।
इससे पहले, उपासना कामिनेनी कोनिडेला ने अयोध्या के राम मंदिर में अपोलो इमरजेंसी केयर सेंटर की स्थापना की थी। अब, पिथापुरम में यह नई पहल स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने और महिलाओं व बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
अपोलो हॉस्पिटल्स की यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवा तक सीमित नहीं है बल्कि शिक्षा, सशक्तिकरण और सतत विकास को भी प्राथमिकता देती है, जिससे देश में बाल और मातृ कल्याण की दिशा में एक नई क्रांति आ सकती है।
What's Your Reaction?