हिन्दू राष्ट्र की पहली बार मांग करने वाली इस पार्टी ने भी प्रत्याशी उतारकर बढ़ाई लोकसभा चुनाव २०२४ की बेचैनी, पढ़ें खास इंटरव्यू?

लोकसभा चुनाव को लेकर शुभम कश्यप ने की यूपी अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी से खास बातचीत

अप्रैल 13, 2024 - 12:40
अप्रैल 13, 2024 - 14:43
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हिन्दू राष्ट्र की पहली बार मांग करने वाली इस पार्टी ने भी प्रत्याशी उतारकर बढ़ाई लोकसभा चुनाव २०२४ की बेचैनी, पढ़ें खास इंटरव्यू?

पहली बार देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करने वाली पार्टी अखिल भारत हिन्दू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी लोकसभा समेत 27 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर कई पार्टी की बेचैनी बढ़ा दी है। 

यूपी अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी का कहना है कि अभी और भी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी। लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वरुप के लखनऊ संवाददाता सतीश मेहता ने यूपी अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी से बातचीत की है......!
देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी और एनडीए आईइनडीआई ए में कांटे की टक्कर.....

महासभा की तरफ से वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को उतारा गया है। अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी का कहना है कि इस बार बनारस में लड़ाई जबरदस्त होगी। महाभारत में जब पांडव सत्य की लड़ाई लड़ रहे थे तो उन्हें आवश्यकता पड़ी तो शिखंडी को भी मैदान में उतारना पड़ा था। उसी तरह से हिमांगी सखी को मैदान में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि उसी प्रकार हिन्दू महासभा हिंदुत्व की लड़ाई लड़ता है।
उन्होंने कहा कि हिन्दू महासभा का एक ही नारा है, "हिन्दू का साथ, हिन्दू का विकास और हिंदुत्व का विश्वास।" उन्होंने उम्मीद जताई कि वाराणसी में बहुत दिलचस्प और कांटे की लड़ाई होगी। उन्होंने दावा किया कि हमारी प्रत्याशी हिमांगी सखी शत- प्रतिशत विजयी होंगी।

देशविरोधी ताकतों  के इशारे पर बागपत व गाजियाबाद के प्रत्याशियों के नामांकन हुए खारिज....
ऋषि कुमार त्रिवेदी बताते हैं कि चुनाव आयोग ने बागपत और गाजियाबाद के प्रत्याशियों के नामांकन यह कहकर खारिज कर दिया कि प्रत्याशियों ने कॉलम में योग्यता दर्ज नहीं किया था। जबकि प्रत्याशियों ने सारे सर्टिफिकेट लगाए थे। यूपी अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए इस पर आपत्ति जताई है। कहा कि, हिन्दू महासभा से देश विरोधी ताकते घबराई हुई है। इसलिए हमारे उम्मीवारों के पर्चे खारिज करा रही है।
किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हुआ समझौता


भाजपा की NDA, इंडिया गठबंधन या अन्य राजनीतिक दलों से किसी तरह के समझौते या सम्पर्क करने की बातों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। ऋषि कुमार त्रिवेदी ने बताया कि हिन्दू महासभा हिन्दुओं की पहली पार्टी है। जिसकी स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1915 में की थी। वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी इस महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु महंत दिग्विजय नाथ भी हिन्दू महासभा से सांसद हुए। यह बहुत ही पुरानी पार्टी है। जो केवल हिंदुत्व पर कार्य करती है।

1949 में पहली बार हिन्दू राष्ट्र की मांग हिन्दू महासभा ने ही उठाई....
भाजपा के हिन्दुत्व वाले एजेंडे की तरह या उससे अलग तरीके से काम करेंगे। इस पर ऋषि कुमार त्रिवेदी ने बताया कि स्पष्ठ है कि हिन्दू महासभा ने 1915 में ही हिन्दू राष्ट्र बनाने की घोषणा की थी। जब हमारा देश बंटवारे के कगार पर पहुंचा। जब यह स्थिति आयी तो मुस्लिम लीग की स्थापना हुई। वैसे ही दो साल बाद हिन्दू महासभा ने उसी समय जय हिन्दू राष्ट्र का नारा दिया था। जब मुस्लिम राष्ट्र बना तो हिन्दू राष्ट्र की भी मांग होने लगी। तभी से आज तक हिन्दू राष्ट्र के लिए हिन्दू महासभा संघर्ष कर रही है।

ऋषि कुमार त्रिवेदी बताते हैं कि 1949 में पहली बार हिन्दू राष्ट्र की मांग हिन्दू महासभा ने ही उठाई थी। 
हिन्दू महासभा और निर्मोही अखाड़ा ने ही 1949 से लड़ा राम मंदिर का मुकदमा...
ऋषि कुमार त्रिवेदी ने कहा की हिन्दू महासभा और निर्मोही अखाड़ा, दो लोगों ने ही 1949 से राम मंदिर का मुकदमा लड़ा। सुप्रीम कोर्ट से विजय हासिल हुई। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हिन्दू महासभा की देन है। वही पक्षकार कोर्ट में केस लड़ रहे थे। हिन्दू महासभा नहीं होती तो शायद यह फैसला नहीं आता।
ऋषि कुमार त्रिवेदी बताते हैं कि दुर्भाग्य है कि राम मंदिर निर्माण से लेकर उद्घाटन तक के लिए हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज जी या अन्य किसी को आमंत्रित नहीं किया गया। यहां तक कि ट्रस्ट में भी हमारे पार्टी के किसी पदाधिकारी को सदस्य नहीं बनाया गया।

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