बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को दिया गया स्वर्णप्राशन
आरोग्य भारती एवं आयुर्वेद विभाग द्वारा निःशुल्क स्वर्णप्राशन शिविर में 85 बच्चों को पिलाई गयी दवा
प्रतापगढ़। जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग एवं आरोग्य भारती काशी प्रांत की प्रतापगढ़ इकाई द्वारा सोमवार को सदर मोड़ स्थित सिद्धि चाइल्ड केयर क्लीनिक में स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 85 बच्चों को स्वर्णप्राशन की निशुल्क खुराक दी गई। शिविर का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना के साथ हुआ।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चितपालगढ़ के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अवनीश पांडे ने बताया कि आयुर्वेद में हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों से लड़ने के लिए एक रसायन तैयार किया था, जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है।
इसे शुद्ध स्वर्ण भस्म नैनोकणों के साथ गाय के घी और शहद के साथ एक निश्चित अनुपात में बूंदों के रूप में तैयार किया जाता है। स्वर्णप्राशन बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ उनकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है।
उन्होंने बताया कि लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में किए गए शोध में यह देखा गया है कि स्वर्णप्राशन लेने वाले बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में कम बीमार पड़ते हैं।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरेश शर्मा ने बताया कि स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पुष्य नक्षत्र में दवा देने का कोई ज्योतिषीय कारण नहीं है। जनजागरूकता के लिए विशेष दिन तय किया गया है।
डॉ. अवनीश ने बताया कि पिछले वर्ष जिला प्रशासन के सहयोग से आयुर्वेद विभाग द्वारा एक ही दिन में चार हजार बच्चों को स्वर्णप्राशन कराने का रिकार्ड प्रतापगढ़ जिले ने बनाया था।
शिविर में डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. शममित्र गुप्ता, अमित शुक्ला, राकेश शर्मा, डॉ. सैयद मसूद, डॉ. विभाकर मिश्रा, डॉ. अवंतिका पांडेय, डॉ. विवेक पांडेय, डॉ. अवनीश पांडेय, सतीश सिंह आदि मौजूद रहे।
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