लंबे समय से श्रीलंका की जेल में बंद 20 भारतीय मछुआरों की होगी रिहाई
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग और जाफना स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 20 भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित की है।
नई दिल्ली। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग और जाफना स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 20 भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित की है, जो लंबे समय से श्रीलंका की जेल में बंद थे।
दरअसल, अप्रैल 2024 में तमिलनाडु के मछुआरों का एक समूह मछली पकड़ने निकला था। ये मछुआरे गलती से श्रीलंकाई जलक्षेत्र में प्रवेश कर गए थे, जिसके बाद उन्हें श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया था। डीएचसी डॉ. सत्यंजल पांडे और अन्य अधिकारियों ने गुरुवार को इन मछुआरों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान भारतीय राजनयिक ने उन्हें जल्द घर वापसी का भरोसा दिलाया।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि कोलंबो में भारतीय उच्चायोग और जाफना में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने श्रीलंका सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर 20 भारतीय मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित की है। डीएचसी डॉ. सत्यंजल पांडे और अन्य अधिकारियों ने मछुआरों से मुलाकात की, उनका हालचाल पूछा और उन्हें एक दिन के भीतर स्वदेश वापस भेजने का आश्वासन दिया।
उधर, भारतीय मछुआरों की नाव के श्रीलंकाई नौसैनिक पोत से टकराने की दुखद घटना के बाद जाफना में भारतीय महावाणिज्य दूत साई मुरली ने बचाए गए दोनों मछुआरों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बता दें कि गुरुवार को कच्चातीवु द्वीप के उत्तर में 5 समुद्री मील की दूरी पर भारतीय मछुआरों की नाव श्रीलंकाई नौसैनिक पोत से टकरा गई थी। इसमें रामेश्वरम के रहने वाले चार मछुआरों में से एक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य लापता है। हादसे के बाद 2 मछुआरों को बचा लिया गया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भारतीय मछुआरों से जुड़े मुद्दों को नियमित रूप से श्रीलंका के साथ उच्चतम स्तर पर उठाया जाता रहा है।
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