BIMSTEC Conference: भारत का 'पड़ोसी पहले' और 'एक्ट ईस्ट' नीति पर जोर
बिम्सटेक विदेश मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार को यहां संपन्न हुआ।
नई दिल्ली। बिम्सटेक विदेश मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार को यहां संपन्न हुआ, जिसमें भारत ने अपनी 'पड़ोसी पहले' और 'एक्ट ईस्ट' नीति के साथ-साथ सागर दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 7 पड़ोसी देशों के संगठन बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संगठन भारत के लिए पड़ोसी पहले, एक्ट ईस्ट और सागर दृष्टिकोण को जोड़ने का एक माध्यम है।
उन्होंने कहा कि बिम्सटेक चार्टर इस साल 20 मई से लागू हुआ है। वैश्विक और क्षेत्रीय विकास के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम मिलकर चुनौतियों का सामना करें और समाधान खोजें। हमारे पास क्षमता निर्माण और आर्थिक सहयोग जैसे दीर्घकालिक लक्ष्य हैं, जिन्हें बहुत महत्व मिला है।
विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने भी बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की रिट्रीट में हिस्सा लिया। वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने सम्मेलन से इतर बिम्सटेक सदस्यों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और भारत के साथ सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की।
सम्मेलन का समापन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेशी प्रतिनिधियों की बैठक के साथ हुआ। बिम्सटेक विदेश मंत्रियों से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि बिम्सटेक विदेश मंत्रियों से मिलकर खुशी हुई। संपर्क, ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, विज्ञान, सुरक्षा और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान समेत क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई।
बिम्सटेक में भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और थाईलैंड शामिल हैं। इसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी से सटे देशों में तेज़ आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सकारात्मक माहौल बनाना है।
What's Your Reaction?