नैनो जिंक व नैनो काॅपर को भारत सरकार ने एफसीओ के तहत दी मान्यता
जैनुल आब्दीन प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के लक्ष्य सहकार से समृद्धि,आत्मनिर्भर कृषि एवं आत्मनिर्भर भारत प्राप्त करने के उद्देश्य से इफको प्रबंध निदेशक डा.उदय शंकर अवस्थी के नेतृत्व में इफको की नैनो तकनीकी से तैयार इफको नैनो जिंक (तरल) और इफको नैनो कॉपर (तरल) को भारत सरकार ने
फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (एफसीओ) के तहत अधिसूचित किया है। पहले ही नैनो यूरिया एवं नैनो यूरिया प्लस को अधिसूचित किया जा चुका है। इन उत्पादों को तीन साल के लिए अधिसूचित किया गया है,जिससे इफको के चार तरल उर्वरक उत्पाद किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे। जिंक और कॉपर सूक्ष्म पोषक की श्रेणी में आने वाले उर्वरक हैं। फसलों में जिंक मिलाने से न केवल फसल का पोषण मूल्य बढ़ता है, बल्कि फसल की पैदावार,सूखे और बीमारी जैसे पर्यावरणीय खतरों के प्रति फसल की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। उपज बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होती है। तांबा पौधों में कुछ एंजाइमों को सक्रिय करता है,यह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में भी आवश्यक है,पौधों के श्वसन में आवश्यक है और पौधों में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के चयापचय में सहायता करता है। यह उत्पाद किसान,मिट्टी तथा पौधों के हित में है। यह जानकारी वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (इकाई प्रमुख) संजय कुदेशिया ने दी। इस पर इफको ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग तिवारी व महामंत्री स्वयम् प्रकाश, इफको इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष पंकज पाण्डेय व महामंत्री विनय यादव ने हर्ष व्यक्त किया।
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