घास की रोटी को माथे लगाया अधर्मी के आगे सर नहीं झुकाया वीर महाराणा प्रताप

घास की रोटी माथे पर रखी, अधर्मियों के आगे सिर नहीं झुकाया

मई 24, 2024 - 20:42
 0  17
घास की रोटी को माथे लगाया अधर्मी के आगे सर नहीं झुकाया वीर महाराणा प्रताप
घास की रोटी को माथे लगाया अधर्मी के आगे सर नहीं झुकाया वीर महाराणा प्रताप

कानपुर। उनकी सिंह गर्जना के बल पर शत्रु सैनिक दूर ही रुक जाते थे और आगे बढ़ने का साहस नहीं जुटा पाते थे। यदि वे साहस के साथ आगे बढ़ते तो उनकी तलवार, घोड़ा चेतक, हाथी राम प्रसाद उन्हें समाप्त कर देते थे।

मेवाड़ के ऐसे वीर राजा महाराणा प्रताप की जयंती, जिनके सामने बड़े से बड़े बलवान और अधर्मी भी आने से डरते थे, विनायकपुर सेवा समिति के तत्वावधान में गुरुदेव पैलेस के पास त्रिलोक प्लाजा में मनाई गई।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने 9 मई 1540 को मेवाड़ में जन्मे राजा उदय सिंह द्वितीय और रानी जयवंता बाई के सबसे बड़े पुत्र पराक्रमी राणा प्रताप की वीरगाथा सुनाई।

उन्होंने कहा कि वे भारत माता के ऐसे सपूत थे, जिन्होंने अपने देश और धर्म की खातिर सभी सुख-सुविधाओं का त्याग कर घास की रोटी खाना पसंद किया, लेकिन अधर्मी अत्याचारी अकबर के सामने सिर झुकाना स्वीकार नहीं किया। तीस साल तक प्रयास करने के बाद भी अकबर उन्हें पकड़ नहीं सका।

सन् 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध क्षेत्र में महाराणा प्रताप के बीस हजार देशभक्त और राष्ट्रवादी सैनिकों ने अकबर के पचासी हजार अधर्मी सैनिकों को हराकर अकबर के अहंकार और महाराणा प्रताप को पकड़ने के सपने को चकनाचूर कर दिया था।

आज भारत की हर मां की इच्छा है कि उसकी कोख से भी एक महाराणा प्रताप जन्म ले, जो देश की आन, बान, शान, स्वाभिमान के लिए किसी भी हद तक लड़े।

वक्ताओं ने कहा कि अपनी तलवार से दुश्मनों का नाश करने वाले तथा अपने चेतक की टापों से दुश्मनों की छाती रौंदने वाले भारत माता राजस्थान चित्तौड़गढ़ के शेर महाराणा प्रताप ने आने वाली पीढ़ी को संदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का स्वाभिमान और सम्मान उसकी सबसे बड़ी पूंजी होती है और इसकी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाना चाहिए। जो व्यक्ति देश और धर्म के कल्याण के लिए सदैव अपने कर्तव्यों का पालन करता है, लोग उसे युगों-युगों तक याद रखते हैं।

कविताओं के बीच-बीच में लोग तालियों से दोनों कवियों का स्वागत करते रहे। कार्यक्रम के अंत में महाराणा प्रताप की जयंती पर आए सभी लोगों ने महाराणा प्रताप की तस्वीर के सामने शीश झुकाया और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गौरव भदौरिया के साथ संतोष सिंह चौहान, मनीष सिंह, डॉ. विवेक सिंह, सौरभ सिंह, महेंद्र सिंह तोमर, अशोक सिंह दद्दा, सचिन तोमर, आयुष परमार, अभिजीत चंदेल, अवधेश सिंह, गौरव, दिव्यांशु राजावत, शैलेंद्र भदौरिया, विनय ठाकुर, प्रियांशु चौहान, शिव परमार, राज चौहान, देबू चौहान, राजेश सेंगर, आर्यन ठाकुर, अजय सिंह, शिवम परिहार मौजूद रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow