लखनऊ महानगर सर्राफा एसोसिएशन ने धूमधाम से मनाया 14वां स्थापना दिवस

जुलाई 4, 2024 - 21:31
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लखनऊ महानगर सर्राफा एसोसिएशन ने धूमधाम से मनाया 14वां स्थापना दिवस

आर एल पाण्डेय 

लखनऊ। लखनऊ महानगर सर्राफा एसोसिएशन ने गुरुवार को कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन के पास सुमन वाटिका लॉन में अपना 14वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में देश के अन्य प्रदेशों से व उत्तर प्रदेश के 50 से ज्यादा आभूषण समुदाय के प्रतिष्ठित अतिथियों और सम्मानित पदाधिकारिओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

आज के महासम्मेलन में लखनऊ महानगर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष  मनीष कुमार वर्मा ने पुरे देश में प्रमुख रूप से सर्राफा व्यापारिओं की 2 प्रमुख समस्याओ पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया.जिसमे एक सर्राफा व्यापारिओं की साहूकारी के लाइसेंस को लेकर बताया की जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने बैन कर रखा है.उन्होंने बताया की इस व्यापार में हमारे और ग्राहक के बीच लेनदेन का व्यापार है. हम जिस कस्टमर को सामान बेचते है उसी को उसके कठिन समय में रखकर उसकी आर्थिक मदद करते है. हम सुदखोर नहीं है हमारा व्यापार प्रमुख रूप से आफ्टर सेल सर्विस के ऊपर निर्भय रहता है

आज उसी कार्य को कुछ प्रमुख कम्पनिया कर रही जो एक महीना ब्याज ना देने पर ब्याज पर ब्याज लगा देती और और एक साल में ही ब्याज ना चुकाने पर उसके पुस्तैनी गहनो की नीलामी करके उसके जेवर को ख़तम कर देती है जो उस ग्राहक का पुस्तैनी सर्राफा व्यापारी सालो तक संभाल कर रखता था.उन्होंने up सरकार से लाइसेंस जारी करने और शर्लिकरन की मांग रखी.तथा पुरे प्रदेश में सर्राफा व्यापारिओं के साथ होने वाली सोना लूट की घटनाओ पर प्रदेश भर के ज्वेलर्स ने किया मंथन.जिसमे विभिन्न इंद्रस्टी एक्सपर्ट के द्वारा बीमा तथा ज्वेलर्स ब्लॉक पालिसी प्रदेश के हर ज्वेलर्स को लेने के लिए प्रेरित किया. जिससे वह चोरी, डकैती, कारीगरों द्वारा सोना लेकर भाग जान,गबन आदि घटनाओ में उसका आर्थिक नुकसान से बचाव हो सके.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऑल इंडिया ज्वैलर्स & गोल्डस्मिथ (AIJGF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज अरोरा जी, उपाध्यक्ष श्री अशोक बाजपेयी जी और राष्ट्रीय मीडिया सचिव श्री सागर केसरवानी जी  चेयरमैन,विनोद माहेश्वरी जी, राजेश सोनी जी,राजीव रस्तोगी जी, धर्मेंद्र गुप्ता जी,सुन्दर लाल जी,रामेस्वर वर्मा जी, रवि वर्मा जी, सत्यनारायण सेठ जी, बन्नू भैया जी, हंसराज विश्कर्मा जी, रामकुमार विश्कर्मा जी, शिव कुमार वर्मा आदि के साथ हजारों सर्राफा व्यापारी उपस्तिथ रहे ।

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