फुल एक्शन में योगी और उनकी बुलेट ट्रेन से घबराए विरोधी
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 33 सीटों पर सिमट जाने के बाद ऐसा लग रहा था कि राज्य में समाजवादी समर्थित गुंडे एक बार फिर सक्रिय हो रहे हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अराजक अपराधी, भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ अधिकारी जो सपा से सहानुभूति रखते हैं और पुलिस कर्मी, समाजवादी पार्टी की जीत के जश्न में यह भूल गए कि उत्तर प्रदेश में अभी भी योगी जी का शासन है।
जगह-जगह हिंसा और भय का माहौल बनाकर यह दिखाने की कोशिश की जा रही थी कि अब योगी जी यूपी छोड़कर जाने वाले हैं, क्योंकि वे चुनाव हार चुके हैं और भाजपा हाईकमान उन्हें हटाने वाला है। अब यह जश्न अराजक समाजवादी तत्वों के लिए परेशानी का सबब बनने वाला है।
हाल ही में मुहर्रम के अवसर पर कई स्थानों पर जुलूसों में जय फिलिस्तीन का नारा लगाकर तथा उसका झंडा फहराकर राज्य में तनाव पैदा करने का असफल प्रयास किया गया। राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति को लेकर पूरे राज्य में बवाल मचा हुआ है।
मीडिया में उनको हटाए जाने की भ्रामक खबरें प्रसारित की गईं लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी ताकत और सकारात्मक भावना के साथ इसका सामना किया। विपक्ष यह दिखाने की असफल कोशिश करता रहा कि योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्यमंत्री अपनी लोकप्रियता खो रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि योगी आदित्यनाथ कभी कमजोर नहीं रहे, बल्कि वे प्रदेश में बन रहे नकारात्मक माहौल को दूर करने के लिए अवसर की तलाश में थे और उन्हें वह अवसर मिल गया। कुछ राजनीतिक विश्लेषक यह अनुमान लगा रहे थे कि अब यूपी में योगी का बुलडोजर रुक जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
अपराधियों और अवैध अतिक्रमण पर योगी जी का बुलडोजर लगातार चल रहा है। लखनऊ में बदमाशों द्वारा महिला को बारिश के पानी में फेंकने और अयोध्या में नाबालिग लड़की से बलात्कार की दो आपराधिक घटनाओं में आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान पर योगी जी की बुलेट ट्रेन चल पड़ी है। दोनों घटनाओं में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
अयोध्या और लखनऊ की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र में यह कहकर प्रदेश की जनता का दिल जीत लिया है कि, “अब इन लोगों के लिए सद्भावना ट्रेन नहीं, बल्कि बुलेट ट्रेन चलेगी।”
अयोध्या गैंगरेप और लखनऊ व कई अन्य जिलों की घटनाओं से समाजवादी पार्टी का संबंध जुड़ने से समाजवादी पार्टी और उसके नेता तनाव में आ गए हैं और अब वे अपराधियों, खासकर अयोध्या के बलात्कार के आरोपी मोईद खान का खुलकर बचाव कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके वोट बैंक का मामला है।
समाजवादी नेता अखिलेश यादव अयोध्या की लड़की के सीधे अपराधी सपा नेता मोईद खान का डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं। स्वाभाविक है कि डीएनए टेस्ट में गैंगरेप का एक ही अपराधी पकड़ा जाएगा और बाकी छूट जाएंगे। वहीं चाचा शिवपाल यादव दो कदम आगे बढ़कर नार्को टेस्ट की मांग कर मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
अयोध्या और लखनऊ की घटना ने समाजवादी पार्टी के पीडीए और कांग्रेस की प्रेम की दुकान को बेनकाब कर दिया है। साथ ही, "मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ" वाला डायलॉग बोलने वाली प्रियंका भी लड़ाई के फ्रेम में नज़र नहीं आ रही हैं। आज वो लोग अयोध्या गैंगरेप की घटना से किनारा कर चुके हैं जिन्होंने हाथरस और उन्नाव की घटनाओं पर छाती पीट ली थी। पूरा विपक्ष हाथरस की घटना पर इकट्ठा होने के लिए हाथरस पहुँच रहा था, लेकिन आज वो अपना चेहरा छिपाए बैठे हैं।
अयोध्या कांड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को उसी की भाषा में जवाब देने का फैसला किया और विधानसभा सत्र खत्म होते ही पीड़ित परिवार से मुलाकात की और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। उसके बाद भाजपा और गठबंधन सहयोगियों के नेता भी पीड़ित परिवार के घर पहुंचने लगे। प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों और सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भी उनके घर पहुंचा और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
जबकि पीडीए का नारा देने वाली समाजवादी पार्टी को बस यही याद रहा है और वोट बैंक के आधार पर अपराधी को संरक्षण देती नजर आ रही है। पीड़िता की मां का कहना है कि सपा के स्थानीय नेता लगातार उनके परिवार को धमका रहे हैं। अयोध्या के सपा नेता मोईद खान का आपराधिक चरित्र रहा है। 2012 में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दिन भदरसा में दंगा हुआ था जिसमें दुर्गा प्रसाद गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 13 अन्य नामजद अपराधियों के साथ उनका नाम भी शामिल है।
अब मोईद खान और उसके साथी राजू पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है। बलात्कार के आरोपी मोईद खान ने 200 वर्ग मीटर श्मशान भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है और जिस बेकरी पर बुलडोजर चलाया गया, वह भी सरकारी जमीन पर थी। भदरवा के सपा नेता मोईद खान की पीडीए सांसद अवधेश प्रसाद सिंह के साथ साफ तस्वीरें हैं और वह उनके बगल में बैठे नजर आ रहे हैं।
इतनी शर्मनाक घटना के बाद भी सांसद अवधेश प्रसाद सिंह कह रहे हैं कि उन्हें कुछ नहीं पता। गौर करने वाली बात यह भी है कि मोईद खान का राजनीतिक करियर कांग्रेस से शुरू हुआ था। मुश्किल में सपा का पीडीए- अयोध्या की घटना के बाद अब सैफई के राजा अखिलेश यादव और अयोध्या के राजा अवधेश प्रसाद सिंह अपने ही खेल में बुरी तरह फंस गए हैं। समाजवादी पार्टी उसी फैजाबाद सीट पर फंसती जा रही है, जहां से वह जीती थी।
अयोध्या के भदरसा में पिछड़ी जाति की 12 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर बवाल मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी भड़की हुई है क्योंकि महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश साफ है।
अब मोईद खान का मामला सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी की पीडीए की सच्चाई भी सामने आ गई है। यही वजह है कि अब सपा नेता अयोध्या गैंगरेप की घटना को पीडीए के खिलाफ भाजपा की साजिश बता रहे हैं, लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है। अब सपा नेताओं के बयानों से यही साबित हो रहा है कि सपा अपराधियों की संरक्षक पार्टी है।
पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए कड़ी सुरक्षा में लखनऊ रेफर करने और धमकी देने वाले सपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद अब अयोध्या में राजनीतिक हवा बदल रही है। स्थानीय स्तर पर भी हिंदू सक्रिय हो गए हैं और सपा की गुंडागर्दी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।
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