जागरूकता पैदा किए बिना आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन जनता के लिए समस्याएँ पैदा करेगा
नए कानूनों का क्रियान्वयन स्थगित करो, स्थगित करो, पहले सबको जागरूक करो, फिर नए कानून लागू करो जैसे नारे लगाते हुए कानपुर बार एसोसिएशन गेट से अधिवक्ता
कानपुर। अधिवक्तागण जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां बोलते हुए संघर्ष समिति के संयोजक पंडित रविन्द्र शर्मा पूर्व अध्यक्ष लायर्स एसोसिएशन ने कहा कि भारत सरकार ने देश की सदियों पुरानी आईपीसी, सीआरपीसी व साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम बनाया है, जो एक जुलाई से लागू होना है।
तीनों नए आपराधिक कानूनों की अधिकांश धाराओं में बदलाव किया गया है। नए कानूनों को अभी विधिक शिक्षा में शामिल नहीं किया गया है, जिसके कारण नए अधिवक्ताओं को भी इनके बारे में जानकारी नहीं है।
आम जनता को भी बदली गई धाराओं के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। अगर लोगों को जागरूक किए बिना कानून लागू किए जाएंगे तो आम आदमी के साथ-साथ हम अधिवक्ताओं को भी परेशानी होगी।
अब लोगों को कानूनों की जानकारी है तो पुलिस अपनी मनमानी करती है, अगर लोगों को जागरूक किए बिना नए कानून लागू किए जाएंगे तो देश में पुलिस राज स्थापित हो जाएगा और लोग जानकारी के अभाव में न्याय से वंचित रह जाएंगे।
हमारा कहना है कि नए कानूनों को लागू करने से पहले कम से कम 5 साल तक कानून की स्कूलों में उनका अध्ययन कराया जाए और इस दौरान गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को कानूनों के बारे में जागरूक किया जाए और तब तक प्रधानमंत्री को नए कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित कर देना चाहिए।
अगर इसमें कोई दिक्कत है तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जनहित में तीनों कानूनों को स्थगित कर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अपर नगर मजिस्ट्रेट रामशंकर ने आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संबोधित ज्ञापन लिया और कहा कि हम दोनों रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज देंगे।
प्रमुख रूप से नरेश चंद्र त्रिपाठी, अरविंद दीक्षित, संजीव कपूर, विजय सागर, कंचन गुप्ता, राम जी दुबे, अखिलेश सिंह, गौरांग त्रिवेदी, राजुल श्रीवास्तव, नूर आलम, विशाल कनौजिया, भागवत, आकाश शर्मा, राकेश शाह, संदीप वर्मा, शुभम जोशी, के के यादव आदि मौजूद रहे।
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