न्यायमूर्ति ओ.पी. प्रधान ने ऋषि मिश्रा को गोल्ड मेडल से किया सम्मानित

जुलाई 15, 2024 - 22:24
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न्यायमूर्ति ओ.पी. प्रधान ने ऋषि मिश्रा को गोल्ड मेडल से किया सम्मानित

लखनऊ -  डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ के 2012-17 बैच के एक छात्र के रूप में उपलब्धि और अनुभवों के बारे में सोचते हुए, ऋषि मिश्रा ने कहाकि दीक्षांत समारोह के बाद अपनी विश्वविद्यालय यात्रा की समीक्षा कर रहा हूं। यह एक ऐतिहासिक समय था, जब नौ सालों के लंबे अंतराल के बाद हमारे विश्वविद्यालय ने यह बहुप्रतीक्षित दीक्षांत समारोह आयोजित किया।

मुझे अपार हर्ष है कि मुझे क्रिमिनल लॉ में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए न्यायमूर्ति ओ.पी. प्रधान गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यह सम्मान मेरे विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और मेंटरों के अद्वितीय मार्गदर्शन और उनके शिक्षात्मक समर्थन का प्रतीक है। उनके सहयोग और समर्पण ने मेरी शैक्षिक और व्यवसायिक यात्रा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेरे विश्वविद्यालय के दौरान, मैंने अनेक मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसने मेरे वकालत के कौशल को न सिर्फ मजबूत किया बल्कि मुझे विधि अध्ययन में गहरी रुचि से भी परिपूर्ण किया। 2014 में Henry Dunant Moot Court Competition के तेहरान, ईरान में आयोजित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय दौरों की जीत और 2015 में हॉन्ग कॉन्ग में आयोजित Hong Kong Red Cross and ICRC IHL Moot Court Competition में सर्वोत्तम मेमोरियल का सम्मान प्राप्त करना और उसके पश्चात विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों से इतना प्रेम और सम्मान पाना मेरे लिए अत्यंत गौरव का विषय रहा।

मैं विशेष रूप से अपने प्राध्यापकों और सहयोगियों के लिए आभारी हूं, जिनका मार्गदर्शन और समर्थन मेरी विश्वविद्यालय यात्रा में सहायक रहा। उनकी सीख ने एक ऐसा वातावरण स्थापित किया जहाँ बौद्धिक उत्साह फल-फूल सका, और मैंने व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों रूप से अपनी कुशलताओं को विकसित किया।

वर्तमान में, मैं सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हूं। साथ ही, मैं भारतीय विधि आयोग, विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार में विधि परामर्शदाता के रूप में भी अपनी सेवा प्रदान कर रहा हूं। ये भूमिकाएँ मुझे अपने विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान और कौशलों को समृद्ध रूप से उपयोग करने की संभावना प्रदान करती हैं।

मैं डॉ. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, भारत के मुख्य न्यायाधीश, और माननीय श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, को उनकी उपस्थिति से दीक्षांत समारोह को समृद्ध करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे समानित करने के लिए मैं श्री न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, को भी धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।

(आर एल पाण्डेय)

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