रक्त टूटने वाले रोग जन्मजात होते  - डा रीना 

Hematology में पीजी कर रहे चिकित्सकों ने लिया भाग 

अप्रैल 28, 2024 - 20:52
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रक्त टूटने वाले रोग जन्मजात होते  - डा रीना 
Doctors doing PG in Hematology participated


लखनऊ। उत्तर प्रदेश हेमेटोलॉजी ग्रुप  के तत्वावधान में  रविवार को अटल बिहारी बाजपेयी कन्वेंशन सेंटर केजीएमयू  में प्रथम एनुवल  कॉन्क्लेव के द्वितीय दिवस को महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यानों का आयोजन किया गया।

आयोजन सचिव डॉ एस पी वर्मा ने बताया कि सेमिनार के द्वितीय दिन प्रथम सत्र में राज्य के संस्थानों में हेमेटोलॉजी में पी जी कर रहे चिकित्सकों ने भाग लिया। जिसमें बी एच यू की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया आर एम एल लखनऊ  की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा एम एल एन प्रयागराज की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को  कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद द्वारा पुरुस्कृत किया गया।

आज द्वितीय सत्र में पीजी आई चंडीगढ़ से आयी डॉ रीना दस ने बताया ने बताया कि रक्त टूटने वाले रोग जन्मजात होते है। उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। उनका व्याख्यान ऐसे रोगों में जांचो से संदर्भित रहा। 

थैलेसीमिया के मरीजो में आयरन ओवरलोड होने की समस्या होती है। ऐसा बार बार रक्त चढ़ाने से होती है। ऐसे मरीजों का उपचार कैसे किया जाए इस विषय पर उड़ीसा से आये डॉ आर के जेना ने विस्तार से बताया।

मुम्बई से आये अभय भावे ने एनीमिया बिषय पर बोलते हुए बताया कि आयरन की कमी एक सामान्य समस्या है। इसके उपचार में आयरन की गोली का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि बिषम परिस्थितियों में नस के द्वारा आयरन देना भी उचित होता है और यह सुरक्षित भी होता है।

दिल्ली से आये डॉ दिनेश भूरानी ने बताया एक्यूट मयलोइड ल्यूकीमिया को पहचानना वृद्ध लोगो मे मुश्किल होता है। उन्होंने बीमारी की पहचान और उपचार के लिए विशेष जांचों के बारे में बताया। बढ़ती उम्र में उपचार में आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।

फरीदाबाद से आये डॉ तथागत चटर्जी ने एक्यूट मयलोइड लुकीमिया जैसी बीमारियों में आधुनिक विधि जैसे  NGS यानी नेक्स्ट जेनरेशन सिक्विनसिंग की उपयोगिता के बारे में बताया।

अंतिम सत्र के दौरान माननीय कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने शोध की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि शोध से निकले निष्कर्ष रोगियों के उपचार की दिशा निर्धारित करते हैं। रोगी के उपचार में विभिन्न विभागों का सामूहिक  प्रयास उपचार को समग्रता एवम संपूर्णता प्रदान करता है।

कार्यक्रम के अंत  में आयोजन सचिव डॉ एस पी वर्मा ने सभी अतिथियों, फैकल्टी मेम्बेर्स, कर्मचारियों, फार्मा सेक्टर एवम पूरी टीम को धन्ययवाद ज्ञापित किया।

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