भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय में लघु चित्रों की त्रिदिवसीय प्रदर्शनी
लखनऊ। भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के सुजान सभागार में गायन विभाग द्वारा ‘रागमाला’ पर आधारित लघु चित्रों की त्रिदिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में पद्मश्री डॉ.विजय शर्मा और उनके साथी कलाकार चंबा,हिमाचल प्रदेश से हमारे बीच पधारे थे। प्रदर्शनी की शुरुआत सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीपप्रज्वलन और सरस्वती माँ की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया।
भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो॰ मांडवी सिंह ने मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ.विद्या विंदु सिंह,विशेष अतिथि पद्मश्री डॉ.विजय शर्मा और सभी कलाकारों का स्वागत अंगवस्त्र,तुलसी के पौधे और कालिदास की पुस्तक से किया। पद्मश्री डॉ.विजय शर्मा ने इस प्रदर्शनी के बारे में बताते हुए कहा कि राग माला चित्र राजस्थानी शैली के भी होते हैं लेकिन उन्होंने काँगड़ा शैली में इन चित्रों को बनाया और खेमराज की राग माला पर आधारित पुस्तक से उन्हें इन चित्रों को आकार देने की प्रेरणा मिली। उन्होंने भैरव,मेघ,मालकौंस,हिंडोल,गुर्जरी, अहीरी आदि राग-रागिनियों पर आधारित चित्र इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारीं पद्मश्री डॉ.विद्या विंदु सिंह ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए प्रशंसा की और कहा कि ललित कलाएँ आपस में अंतर्निहित हैं और उनके बीच छुपे इन रहस्यों को जानने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन होते रहना चाहिए। कुलपति ने कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दस दिनों के अथक प्रयास का नतीजा है के आज उनके सामने इतने सुंदर चित्र प्रदर्शित हुए हैं और कहा कि राग रंग चित्रांकन और नृत्य को विशेष दृष्टि से देखने में यह प्रदर्शनी सहायक होगी। डॉ॰ विजय शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में कुलपति को सरस्वती माँ का चित्र उपहार स्वरूप भेंट किया। कार्यक्रम में कुलसचिव, गायन विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ॰ सृष्टि माथुर, नृत्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ॰ ज्ञानेन्द्र वाजपेयी,धर्मनाथ मिश्रा, डॉ॰ रश्मि चौधरी, डॉ॰ अभिनव सिन्हा, सभी शिक्षकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
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